उलटी सीधी बातें करते हो
अपने आपको हीरो समझते हो
सोचते हो,
बोलने से सबकुछ हो जाता है
अपने आपको हीरो समझते हो
सोचते हो,
बोलने से सबकुछ हो जाता है
आजकी की नारी को समझो
उसकी ज़रूरत और मुश्किलों को समझो
रोटी कपडा और मकान
ये तो ज़रूरी, पर ये तो छोटी सीमाऐं हैं
उसकी ज़रूरत और मुश्किलों को समझो
रोटी कपडा और मकान
ये तो ज़रूरी, पर ये तो छोटी सीमाऐं हैं
कुछ समझने की कोशिश करो
मानसिक और भावुक ज़रूरतों को
और पूरी स्वतंन्तृता भी
आजकी नारी की ज़रूरत है
मानसिक और भावुक ज़रूरतों को
और पूरी स्वतंन्तृता भी
आजकी नारी की ज़रूरत है
दिनभर बाहर काम करे
फिर घरका सारा कामकाज़
ऊपर से बच्चों की परवरिश
और ढेरसारी परेशानियां है
फिर घरका सारा कामकाज़
ऊपर से बच्चों की परवरिश
और ढेरसारी परेशानियां है
तुम्हें कैसे पता लगे
कामसे आके सोफे पर पडजाते हो
मुई ये बीयर भी पीने लगे हो
अब बताऔ, औरत को आज़ादी कहां है
कामसे आके सोफे पर पडजाते हो
मुई ये बीयर भी पीने लगे हो
अब बताऔ, औरत को आज़ादी कहां है
तुम चाहते हो कि मैं बापिस आऊं
तो टीवी देखना छोडदो
घरके काम में बरावर का हाथ बटाओ
इसमें कुछ हदतक औरत की आज़ादी है
तो टीवी देखना छोडदो
घरके काम में बरावर का हाथ बटाओ
इसमें कुछ हदतक औरत की आज़ादी है
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