Oct 29, 2014

तू कह दे तो मैं तेरा बन जाऊं.

मेरे अल्फाजों कों तुने ठुकराया,इश्क कहता है कि शायर बन जाऊंमेरे ज़ज्बातों कों तुने ठोकर में उड़ाया,वो कहते हैं कि थोडा कायर बन जाऊं.


कुछ खास नहीं है मेरे पास बस प्यास है,ताउम्र तुझे देखने कि आस हैहै तेरे तसव्वुर का मुझे इन्तेजार,तू इस दिल-ए-नादान के लिए खास है


ना कर यूँ मुझसे नफ़रत ए हुस्न-ए-वफ़ा,ना अपने दिल कों दे तू यूँ दगातेरे तबस्सुम की मुझे तलाश है,तू कहे तो घायल बन जाऊं


कुछ ना दिया मैंने तुझे दर्द-ए-दिल के सिवा,और तुझे मैंने दिया है ज़फामाफ करना तेरी फितरत थी कभी,बस एक और बार तू निभा दे वफ़ा


तेरे अश्कों कों अपनी आँखें दूँ मैं,तेरे कांपते लबों कि कसम है,है निखिल बदनाम यहाँ,तू कह दे तो मैं तेरा बन जाऊं.

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