Apr 5, 2011

वो लोग

वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे

जो इश्क को काम समझते थे

या काम से आशिकी करते थे

हम जीते जी मसरूफ रहे

कुछ इश्क किया, कुछ काम किया

काम इश्क के आड़े आता रहा

और इश्क से काम उलझता रहा

फिर आखिर तंग आकर हमने

दोनों को अधूरा छोड़ दिया !












(फैज़ अहमद फैज़) (Faiz Ahmed Faiz)

No comments:

Post a Comment